वन रैंक वन पेंशन यानी OROP) पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से एक सवाल पूछा है. सरकार से सर्वोच्च न्यायालय ने सवाल किया है कि क्या सशस्त्र बलों में ‘वन रैंक वन पेंशन’ (ओआरओपी) पर सैद्धांतिक रूप से सहमत होने के बाद क्या वह पेंशन में भविष्य में स्वत: वृद्धि के अपने फैसले से पीछे हट गया है.
कोर्ट ने नरेंद्र मोदी सरकार से पूछे ये सवाल
सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र की मोदी सरकार (Narendra Modi Govt) से यह भी सवाल किया है कि क्या वह 5 साल में एक बार आवधिक समीक्षा की मौजूदा नीति के स्थान पर स्वत: वार्षिक संशोधन पर विचार कर सकती है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने ये सवाल केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एन वेंकटरमण से किये.
अधिसूचना को सही ठहराने का वकील ने किया प्रयास
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमण ने 7 नवंबर, 2015 को सरकार की ओर से जारी की गयी अधिसूचना को सही ठहराने का प्रयास किया. इस पर पीठ ने एएसजी एन वेंकटरमण से कहा, ‘संसद में वर्ष 2014 में रक्षा मंत्री द्वारा यह घोषणा किये जाने के बाद कि सरकार सैद्धांतिक रूप से ओआरओपी (OROP) देने के लिए सहमत हो गयी है, क्या सरकार किसी भी समय भविष्य में स्वत: वृद्धि करने के अपने निर्णय से पीछे हट गयी है....’